Type Here to Get Search Results !

SEBA Class 9 Hindi Chapter 16: टूटा पहिया All Questions & Answers || নৱম শ্ৰেণীৰ হিন্দী অধ্যায় ১৬ ৰ সকলো প্ৰশ্নৰ উত্তৰ

SEBA Class 9 Hindi Chapter 16: टूटा पहिया All Questions & Answers || নৱম শ্ৰেণীৰ হিন্দী অধ্যায় ১৬ ৰ সকলো প্ৰশ্নৰ উত্তৰ


टूटा पहिया


(अ) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दो:

1. कवि ने अभिमन्यु को दूस्साहसी क्यों बताया है?

उत्तर: कवि ने अभिमन्यु को दुस्साहसी इसलिए बताया है क्योंकि अकेले निहत्थे होते हुए भी अभिमन्यु ने वीरतापूर्वक एक टूटे हुए पहिए को अपना हथियार बनाकर कौरवों के अक्षौहिणी सेनाओं के साथ डटकर मुकाबला किया था।

2. 'दुरुह चक्रव्यूह' का महाभारत के संदर्भ में और आज के संदर्भ में क्या तात्पर्य है?

उत्तर: दुरुह चक्रव्यूह का महाभारत के संदर्भ में और आज के संदर्भ में यह तात्पर्य है कि महाभारत काल में अभिमन्यु का वध करने के लिए कौरवों ने कठिन चक्रव्यूह का निर्माण कर निहत्थे अभिमन्यु पर वार किया था। जो कि युद्ध के नियमों के खिलाफ था। उन अधर्मी, अन्याय महारथियों ने असत्य और अन्याय से अभिमन्यु की हत्या की थी। ठीक उसी प्रकार आज भी हमारे समाज में कौरवों के जैसे अन्याय, अधर्मी, भ्रष्टाचारी लोग मौजूद हैं जो सत्य और ईमानदारों के खिलाफ अत्याचार कर उनके आवाजों को दबाते आए हैं।

3. कवि ने किस तथ्य के आधार पर कहा है कि असत्य कभी सत्य को बर्दाश्त नहीं कर पाता?

उत्तर: कवि ने महाभारत के कुरुक्षेत्र के मैदान में हुए महायुद्ध के आधार पर कहा है कि असत्य कभी सत्य को बर्दाश्त नहीं कर पाता। क्योंकि अभिमन्यु ने सत्य और अपने धर्म के रास्ते चलते हुए कौरवों के साथ युद्ध किया। परंतु कौरवों ने अभिमन्यु को निहत्था देख धर्म के विरुद्ध जाकर उस पर प्रहार कर उसे मार डाला था। जिससे यह सिद्ध होता है कि असत्य को सत्य कभी बर्दाश्त नहीं होता।

4. 'लघु से लघु और तुच्छ से तुच्छ वस्तु' किन परिस्थितियों में अत्याधिक उपयोगी हो सकती है?

उत्तर: मुसीबत के समय या कठिन से कठिन परिस्थितियों में कोई विशेष वस्तु उपलब्ध न हो तो लघु से लघु और तुच्छ से तुच्छ वस्तु उस समय अत्याधिक उपयोगी सिद्ध होती है।

5. 'इतिहास की सामूहिक गति का सहसा झूठी पड़ जाने' का क्या आशय है?

उत्तर: इतिहास की सामूहिक गति का सहसा झूठी पर जाने का आशय है कि जब इतिहास की गति सत्य और धर्म के पथ का रास्ता छोड़कर आगे बढ़ने  लगता है, तो उस समय टूटे पहिए जैसे हथियार यानी साधारण व्यक्ति अपने धर्म व सच्चाई के साथ इतिहास को नई गति दिलाते है।

6. कवि के अनुसार सच्चाई टूटे पहियों का आश्रय लेने का कब विवश हो सकती है?

उत्तर: जब समाज की गति सत्य और धर्म का रास्ता छोड़ हिंसा, अत्याचार, अन्याय जैसे रास्तों को अपनाकर बढ़ने लगता है, तब सच्चाई को उन बुराइयों के साथ लड़ना पड़ता है। लेकिन सच्चाई का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति उन अधर्मीयो के चल कपट में फंसता चला जाता है। तब सच्चाई को विवस होकर टूटे हुए पहिए अर्थात जीवन के मानवीय मूल्यों व लघु मानव का आश्रय लेना ही पड़ता है।


(आ) व्याकरण:

1. निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग करो:

सामूहिक  -  ईक (समूह+इक)
आवश्यकता - ता (आवश्यक+ता)
सनसनाहट - आहट (सनसनाहट)
पाठक - अक (पठ+अक)
पूजनीय - ईय (पूजन+ईय)
परीक्षित - इत (परीक्षा+इत)


2. निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग अलग करो:

दुस्साहस - दुस (दुस+साहस)
अनुदार - अनु (अनु+दार)
बदसूरत - बद (बद+सूरत)
निश्चिंत - निश (निश+चित)
बेकारी - बे (बे+कारी)
अज्ञानी - अ (अ+ज्ञानी)

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Subscribe Us